कोरोना वायरस की दूसरी लहर में रोग की गंभीरता के साथ मौत के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं। मई के आखिरी हफ्तों में दूसरी लहर की रफ्तार तो धीमी पड़ गई लेकिन म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पहले भी ब्लैक फंगस संक्रमण के मामले आते रहें हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल के कारण यह ज्यादा चर्चा में आ गया है। कोरोना के गंभीर रोगियों, विशेषकर ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने वाले लोगों के लिए दूसरी लहर में स्टेरॉयड को काफी महत्वपूर्ण दवा माना जा रहा है। रोगियों की जान बचाने के लिए बहुत से लोगों ने इस दवा को खुद से प्रयोग में लाना शुरू कर दिया।
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